चिकित्सा अवकाश नियम UP 2024

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उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) का नियम काफी स्पष्ट और सुव्यवस्थित है। यदि कोई कर्मचारी स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अपने कार्य पर उपस्थित नहीं हो सकता है, तो वह चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर अवकाश प्राप्त कर सकता है। इस अवकाश के लिए प्रमुख सामान्य नियम की जानकारी इस पोस्ट में दे रहे हैं –

चिकित्सा अवकाश नियम UP

मेडिकल लीव के नियमों में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को जानना जरुरी है –

चिकित्सा प्रमाण-पत्र (Medical Certificate) –

चिकित्सा अवकाश के लिए सरकारी कर्मचारी को एक मान्य चिकित्सक द्वारा प्रमाणित चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है। यह प्रमाण-पत्र कर्मचारी के अस्वस्थ होने और कार्य पर वापस लौटने की संभावना की पुष्टि करता है। यह प्रपत्र समूह ‘क’ और ‘ग’ के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग हो सकता है।

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अवकाश की अवधि –

स्थायी सरकारी कर्मचारी को अधिकतम 12 महीने का चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जा सकता है, बशर्ते कि उसने लगातार 3 साल से अधिक की सेवा की हो। अस्थायी सेवकों को भी कुछ शर्तों के साथ चिकित्सा अवकाश मिल सकता है, लेकिन यह अवधि 4 महीने तक सीमित होती है।

कर्तव्य पर वापसी –

चिकित्सा अवकाश समाप्त होने के बाद, कर्मचारी को पुनः कार्य पर लौटने के लिए एक स्वस्थता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है, जो यह पुष्टि करता है कि वह अब पुनः अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकता है।

अवकाश की स्वीकृति –

चिकित्सा अवकाश तभी स्वीकृत किया जाएगा जब सक्षम अधिकारी यह सुनिश्चित कर ले कि कर्मचारी अवकाश की समाप्ति के बाद अपने कार्य पर लौटने के योग्य होगा। बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के अवकाश को स्वीकृति नहीं दी जाती।

इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में चिकित्सा अवकाश प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी सरल है, बशर्ते कि कर्मचारी निर्धारित नियमों का पालन करें और समय पर प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें।

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चिकित्सा अधिकारी कितने दिन का मेडिकल दे सकता है?

चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए जाने वाले चिकित्सा अवकाश (मेडिकल सर्टिफिकेट) की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर, यदि किसी सरकारी कर्मचारी ने 3 साल या उससे अधिक सेवा की है, तो उन्हें चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अधिकतम 12 महीने तक का अवकाश दिया जा सकता है। यह अवकाश तब तक स्वीकृत नहीं होता जब तक सक्षम प्राधिकारी यह संतुष्ट न हो कि कर्मचारी अवकाश के बाद काम पर लौटने में सक्षम होगा।

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